पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार ने मंगलवार को अहम फैसला लिया है। पंजाब सरकार ने मंगलवार को अपनी परमिट प्रणाली के तहत चलने वाली निजी बसों को चंडीगढ़ जाने की अनुमति नहीं देने के लिए राज्य परिवहन योजना में संशोधन किया है. राज्य सरकार इसकी जानकारी देते हुए कहा है कि इस फैसले से ‘बादल परिवार के स्वामित्व वाली निजी बसों का एकाधिकार’ और निजी बसों के माफियाओं का राज समाप्त हो जाएगा.

नई नीति के अनुसार केवल राज्य परिवहन उपक्रमों के स्वामित्व वाली बसें ही चंडीगढ़ में प्रवेश कर सकती हैं. वर्तमान में निजी वातानुकूलित बसें भी चंडीगढ़ बस स्टैंड से यात्रियों को लेने जाती हैं. एक आधिकारिक बयान के मुताबिक मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने राज्य से निजी बस माफिया को जड़ से खत्म करने के लिए एक और अहम फैसला लेते हुए अंतरराज्यीय रूटों पर बादल परिवार की निजी बसों और अन्य निजी बस माफियाओं के एकाधिकार को खत्म कर दिया है.

इस फैसले पर पंजाब के परिवहन मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने कहा कि पंजाब परिवहन योजना 2018 को पिछली कांग्रेस सरकार द्वारा ‘बादल परिवार और अन्य निजी बस माफियाओं को लाभ देने’ के लिए तैयार किया गया था. अब इसे संसोधित किया गया है. उन्होंने आगे कहा कि बादल परिवार ने 2007 से 2017 तक अपनी सरकार के दो कार्यकालों के दौरान अपने व्यक्तिगत हितों को पूरा करने के लिए कई योजनाएं बनाई.

भुल्लर ने आगे कहा कि कांग्रेस सरकार ने भी बादल परिवार को अपने परिवहन व्यवसाय को सुचारू रूप से चलाने में मदद की. इसमें उनकी एसी बसों का अंतर-राज्य परिचालन भी शामिल था. कैबिनेट मंत्री भुल्लर ने निजी लाभ के लिए सरकारी खजाने को लूटने और मनमानी योजनाएं बनाकर अपने साथियों को नाजायज तरीके से लाभ पहुंचाने के लिए बादल परिवार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार इनके निजी स्वार्थों को पूरा नहीं होने देगी. उन्होंने कहा कि आप सरकार पंजाब से निजी बस माफिया को जड़ से खत्म करने के वादे के साथ सत्ता में आई थी। इस दिशा में काम शुरू किया गया है।