चुनाव से पहले CM गहलोत ने चलाया 'ब्रह्मास्त्र'......
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार रात 10.45 बजे बड़ी घोषणा करते हुए 1.10 करोड़ घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को बड़ी राहत दी। गहलोत ने कहा कि मैंने पिछले बजट में घोषणा की थी कि बिजली की 50 यूनिट निशुल्क दी जा रही है, उसको 100 यूनिट किया जाएगा। उसके अनुसार एक मई से यह घोषणा हुई। पहला बिल एक से 15 जून के बीच में आएगा। उसमें 100 यूनिट तमाम प्रदेशवासियों को फ्री दी जाएगी। चाहे वो कितनी ही बिजली कंज्यूम करें, तब भी 100 यूनिट बिजली फ्री दी जाएगी। उसके अलावा इंसेंटिव दिया जा रहा है, जो अपने आप को 200 यूनिट तक पाबंद रखेंगे, उनकी 100 यूनिट तो फ्री होगी ही, उसके अलावा 100 से 200 यूनिट तक उनका भी फिक्स चार्ज और अन्य चार्जेज सरकार की ओर से दिए जाएंगे। इस प्रकार उनको भी बहुत बड़ी राहत दी जाएगी।
सीएम गहलोत ने स्पष्ट किया, भविष्य में 100 यूनिट तक उपभोक्ताओं की बिजली पूरी तरह फ्री होगी और 200 यूनिट तक बिजली कंज्यूम करने वाले उपभोक्ताओं के लिए भी बहुत बड़ी राहत होगी। उनको अब कोई फिक्स चार्ज नहीं देना होगा। फिक्स चार्ज पर बहुत भारी दबाव पड़ता है। यह फीडबैक मुझे महंगाई राहत शिविरों में मिला। जो लोग मुझसे मिलने आए, उनको चिंता यही थी कि फिक्स चार्ज के कारण 200 यूनिट तक बिजली कंज्यूम करने वालों को भी तकलीफ आएगी। अब मैं उम्मीद करता हूं कि जो परिवार लगभग एक करोड़ 10 लाख परिवार हैं, उससे अधिक लोगों को इस फैसले से राहत मिलेगी।
बिजली उपभोक्ताओं को अब इस तरह मिलेगा फायदा
मान लीजिए किसी उपभोक्ता का बिजली उपभोग 100 यूनिट तक प्रतिमाह है तो उसका बिजली बिल शून्य यानी ज़ीरो (0) आएगा। कुछ भी पैसा जमा नहीं करना होगा। यानी बिजली पूरी तरह फ्री हो जाएगी। पहले 50 यूनिट तक ही बिजली फ्री थी। बाकी 50 यूनिट पर करीब नौ रुपये प्रतियूनिट की रेट पर लगभग 350 रुपये बिजली बिल देना होता था। यानी 100 यूनिट तक बिजली उपभोग करने वाले उपभोक्ता को अब करीब 350 रुपये तक अतिरिक्त छूट मिल जाएगी। कुल बिल में प्रति यूनिट करीब नौ रुपए पड़ता है। इसलिए 900 रुपये तक पूरी बचत उपभोक्ता को मिलेगी।
प्रतिमाह 200 यूनिट बिजली इस्तेमाल करने वाले उपभोक्ता को भी अब 100 यूनिट तक बिजली फ्री मिलेगी। शेष 100 यूनिट का ही उसे बिल भरना होगा। लेकिन उसमें भी स्थाई शुल्क यानी फिक्स चार्ज के करीब 400 रुपये की बचत होगी। करीब 350-400 रुपये का बिल ही उपभोक्ता को भरना होगा। 200 यूनिट तक बिजली उपभोग वाले कंज्यूमर्स को 100 यूनिट शुरुआती बिजली फ्री पर 900 रुपये की बचत और स्थाई शुल्क के करीब 500 रुपये की बचत होगी। यानी करीब 1300 रुपये के लगभग बचत होने का अनुमान है। जिन बिजली उपभोक्ताओं के 201 यूनिट या ज्यादा प्रतिमाह कंज्यूम होते हैं। उन्हें 100 यूनिट तक तो छूट मिलेगी। लेकिन 101 यूनिट से ऊपर का पूरा बिल भरना होगा। उन्हें भी करीब 900 रुपये की छूट मिलेगी।
बिजली बिल का चुनाव में फायदा?
कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश के चुनाव में 300 यूनिट बिजली फ्री देने का वादा किया था। वहां भी उसे सरकार बनाने में सफलता मिली थी। वहीं, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने 2018 के चुनाव में बिजली को लेकर एक ऐसी ही घोषणा की थी, उस पर अमल करते हुए छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार 'बिजली बिल' हाफ के नाम से एक योजना चला रही है। इसमें 400 यूनिट तक बिजली की खपत पर आधा बिल माफ कर दिया जाता है।
दिसंबर 2018 में कांग्रेस सरकार बनने के बाद एक मार्च 2019 से यह योजना शुरू की गई। वहीं, छत्तीसगढ़ में एकल बत्ती कनेक्शन योजना में गरीबी रेखा के परिवारों को हर महीने 30 यूनिट बिजली फ्री दी जा रही है। कांग्रेस मध्यप्रदेश की सत्ता में नहीं है, वहां भी इस साल के अंत में राजस्थान के साथ ही चुनाव होने हैं। वहां कांग्रेस ने अपनी सरकार बनने पर 100 यूनिट मुफ्त बिजली देने का वादा किया है।
राजस्थान में वोट में बदलेगा बिजली बिल?
अशोक गहलोत ने जो घोषणाएं बुधवार रात कीं, उनमें से 100 यूनिट फ्री बिजली देने की घोषणा उन्होंने अपने बजट भाषण में भी की थी। इसमें 100 यूनिट बिजली फ्री के साथ 200 यूनिट तक के स्थायी शुल्क, फ्यूल सरचार्ज और तमाम अन्य शुल्क माफ करने की घोषणा ही नई हैं। अब यह तो चुनाव के नतीजे ही बताएंगे कि अशोक गहलोत सरकार की ओर से लोगों को बिजली बिल में राहत देने के लिए की गई घोषणा का चुनावी लाभ कांग्रेस को हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक की तरह मिल पाता है या नहीं।