17 जून को ईद-उल-अजहा (बकरीद ) का त्योहार मनाया जाएगा. बकरीद के मौके पर बकरों की कुर्बानी की परंपरा रही है. इसको देखते हुए कुर्बानी में इस्तेमाल बकरों का बाजार सज चुका है. कोटा के बकरा मंडी में हाड़ौती इलाके से बिक्री के लिए अलग-अलग व्यापारी बकरों को लेकर आते हैं. कोटा संभाग में बकरों की खरीद के लिए दिनभर बकरा मंडी में भीड़ लगी रहती है यहां पर ₹15000 से लेकर 70000 रुपए तक का बकरे मिल रहे हैं.

बकरा व्यापारी अब्दुल गफ्फार ने बताया कि 17 जून को ईद-उल-अजहा (बकरीद ) का त्योहार मनाया जाएगा. जिसे देखते हुए कोटा की बकरा मंडी में बाजार सज गए हैं. अभी बाजार में खरीदार कम है. शहरों में लोगों के पास जानवरों के रखने की सुविधा नहीं होती है. वह बकरे को कम से कम समय तक रखना चाहते हैं. इसलिए बकरीद से जितना नजदीक होगा, लोग खरीदारी की कोशिश करते हैं. अब बिक्री बढ़ेगी और भाव भी चढ़ेगा.

अजमेरी बकरे की रहती है डिमांड
कोटा में गुलाबी अजमेरी बकरों की अच्छी डिमांड रहती है तो वहीं गुजरी, सिरोही, मारवाड़ी नस्ल के बकरे अच्छे हेल्थ हाइट के होते हैं जिन्हें लोग खरीदना चाहते हैं. उनकी हाइट 4 फीट तक चली जाती है तो इनका मीट 100 किलो तक पहुंच जाता है. अब्दुल गफ्फार ने बताया कि जो घर पर बकरों को पलते हैं वह खाने में सोयाबीन, ज्वार, मक्का, हरा चारा पत्ते देते है जिससे उनकी हेल्थ अच्छी होती है. दो दांत के बकरे अच्छे माने जाते हैं.