नई दिल्ली। राऊज एवेन्यू कोर्ट ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की एक अप्रैल तक ईडी रिमांड बढ़ा दी है। अब एक अप्रैल तक दिल्ली के मुख्यमंत्री ईडी की कस्टडी में रहेंगे। जांच एजेंसी ने दिल्ली की कोर्ट से सात दिन की रिमांड की मांग की थी।

पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे- ईडी

कोर्ट में पेशी के दौरान ईडी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल के बयान दर्ज किए गए हैं, लेकिन उनका एक व्यक्ति से सामना कराना है। साथ ही जब्त किये गए डिजिटल डेटा का भी परीक्षण करना है। सीएम केजरीवाल ईडी के साथ पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे हैं।

जांच एजेंसी ने आगे कहा कि हमारे पास सबूत है कि केजरीवाल ने आबकारी नीति मामले में 100 करोड़ रुपये की रिश्वत की मांग की। केजरीवाल ने कई बड़े अधिवक्ता खड़े किए, क्या आम आदमी ऐसा कर सकता है?

रेड्डी के 55 करोड़ की जांच होनी चाहिए- केजरीवाल

वहीं, सीएम केजरीवाल की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता मोहित माथुर ने कहा कि हम रिमांड का विरोध नहीं कर रहे हैं, ईडी जितने दिन चाहे केजरीवाल को रख सकती है। वरिष्ठ अधिवक्ता रमेश गुप्ता ने कहा कि रेड्डी द्वारा दिये गए 55 करोड़ की भी जांच होनी चाहिए।

दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के एक जज ने अपने एक निर्णय में कहा कि 100 करोड़ रुपये रिश्वत लेना संदेहास्पद है। ऐसे में यह तो अभी तय ही नहीं है। आबकारी घोटाला ये है कि ईडी पूरे देश के सामने ये बताए कि आप ने घोटाला किया। शरथ रेड्डी ने मेरे खिलाफ बयान देने के बाद 55 करोड़ रुपये इलेक्टोरल बांड के जरिये भाजपा को दिया।

मेरे खिलाफ कोई सबूत नहीं है- दिल्ली सीएम

केजरीवाल ने कहा कि यह मामला दो साल से चल रहा है, मुझे गिरफ्तार किया गया है, लेकिन मेरे खिलाफ कोई सुबूत नहीं है। मेरी मौजूदगी में मनीष सिसोदिया ने आबकारी नीति के दस्तावेज दिए, मेरे आवास पर कई विधायक आते हैं, क्या एक मौजूदा सीएम को गिरफ्तार करने का आधार है। आरोपित अपना बयान देते हैं, लेकिन उनके बार-बार बयान लिए और जब मेरे खिलाफ बयान देते हैं और फिर उन्हें जमानत मिल गई।