गुरुग्राम में पराली जलाने वालों पर शिकंजा कसने के लिए प्रशासन ने तैयारी कर ली है। जिला प्रशासन की ओर से बुधवार को आदेश जारी किया गया है कि पराली जलाने पर ढाई हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से जुर्माना लगाया जाएगा। इसके साथ ही किसानों से पराली न जलाने की अपील क्योंकि इससे शहर में प्रदूषण होता है। जिला प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अपील का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग द्वारा पराली जलाने के संबंध में जारी निर्देशों को सख्ती से लागू किया जाए।

उन्होंने कहा कि अब तक पराली जलाने का कोई स्थानीय मामला सामने नहीं आया है। जिला प्रशासन ने यह भी कहा कि उसने जिले में पराली जलाने पर रोक लगाने के लिए विभिन्न स्तरों पर टीमों का गठन किया है। धान की कटाई और गेहूं की बुवाई के बीच कम अंतराल होने के कारण, किसान गेहूं की बुवाई के लिए खेतों को तैयार करने के लिए धान की फसल के अवशेषों को जला देते हैं।

उत्तर भारत, विशेष रूप से दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में स्मॉग के प्रमुख कारण के तौर पर विभिन्न अध्ययनों में पराली जलाने को बताया गया है। इससे सार्वजनिक स्वास्थ्य और पर्यावरण को लेकर संकट पैदा हुआ है। गुरुग्राम के उपायुक्त निशांत यादव ने कहा, 'मैं जिले के किसानों से अपील करता हूं कि वे फसल अवशेष न जलाएं क्योंकि इससे भारी प्रदूषण होता है और आम जनता को प्रभावित करने के अलावा ग्रीन कवर और पशु आबादी को भी प्रभावित करता है। हमने यह सुनिश्चित करने के लिए टीमों का गठन किया है कि सतर्कता बरती जाए और इन निर्देशों का उल्लंघन करने वालों को दंडित किया जाए।'