पुलिस ने सोशल मीडिया के जरिए दोस्ती कर गिफ्ट भेजने का झांसा देकर देशभर में ठगी करने वाले गिरोह का खुलासा किया है। पुलिस ने तीन विदेशियों समेत पांच ठगों को गिरफ्तार कर 22 खातों को सीज किया है। इनमें करीब 3.50 लाख रुपये जमा हैं। साथ ही, पुलिस ने 11 मोबाइल, 29 सिम, 2 लैपटॉप, 1 डोंगल और 3 पेन ड्राइव बरामद किए हैं। आरोपी पांच साल में 500 लोगों से करोड़ों रुपये ठग चुके हैं।पुलिस के अनुसार, 29 अक्तूबर को महिला डॉक्टर ने मध्य जिला के साइबर सेल में ठगी की शिकायत की। उन्होंने बताया कि मार्क पीटरसन ने 29 जून को इंस्टाग्राम पर संपर्क कर खुद को अमेरिकी एयरलाइंस में पायलट बताया। उसने कहा कि वह फिलहाल लंदन में रह रहा है। इसके बाद वाट्सएप मैसेज भेजने लगा।

जुलाई में उसने बताया कि वह भारत घूमने आ रहा है। 25 जुलाई को उसे एक कॉल आई जिसमें बताया गया कि मार्क पीटरसन मुंबई एयरपोर्ट पर आ गया है। इसके बाद कस्टम ड्यूटी और अन्य मदों में आरोपियों ने उससे 19 लाख रुपये ठग लिए। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी।पुलिस ने जांच के दौरान उन बैंक खानों की जांच की, जिनमें शिकायतकर्ता से पैसे जमा करवाए गए थे। इनसे अन्य खातों में पैसे गए थे और एटीएम के जरिए जल्द पैसे निकाल लिए गए थे। तकनीकी जांच करते हुए पुलिस ने 15 दिसंबर को उत्तम नगर से कमल कुमार को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में उसने जुर्म कबूल कर लिया।

उसकी निशानदेही पर पुलिस ने अफ्रीकी नागरिक इसाक चुकुमा ओकोरी, ओफोसू व साई मैथ्यू को भी तिलक नगर से गिरफ्तार कर लिया।आरोपियों ने बताया कि वह फेसबुक, इंस्टाग्राम, मैसेंजर आदि पर अलग-अलग नामों से फर्जी प्रोफाइल बनाते थे। इनके जरिए वह लोगों से संपर्क करते थे। फिर व्हाट्सएप नंबर का आदान-प्रदान करने के बाद लाखों रुपये के गिफ्ट और डॉलर भेजने का लालच देकर ठगते थे। तीन चार दिनों के बाद आरोपी कमल कुमार कस्टम ऑफिसर या एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफिसर बनकर लोगों को कॉल करता था। फिर पार्सल में डॉलर और पाउंड होने की बात कहकर कन्वर्जन चार्ज सहित अन्य मदों में ठग लिया जाता था। ठगे गए पैसे आरोपी बिचौलिए के जरिए नाइजीरिया भेजते थे।