नई दिल्ली । भारत की पहली सेमी हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत जल्द ही आपको नए रंग-रूप में दिखाई देगी। भारतीय रेलवे ने अब तक 32 वंदे भारत ट्रेनें बनाई हैं। इन सभी ट्रेनों को रंग सफेद और नीला है। लेकिन 33 वीं वंदे भारत ट्रेन में भारतीय रेलवे ने बड़ा बदलाव किया है। रेलवे की चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ) द्वारा बनाई गई 33 वीं नई 8 कोच वाली वंदे भारत एक्सप्रेस नारंगी और भूरे रंग की है। भारतीय रेलवे ने इस शनिवार को आईसीएफ से पाडी रेलवे फ्लाईओवर तक इस ट्रेन को ट्रैक पर चला कर इसका ट्रायल किया। इस ट्रेन में आधुनिक वंदे भारत ट्रेनों जैसी सभी सुविधाएं हैं। भारतीय रेलवे की ओर से नारंगी और भूरे रंग के साथ बनाई गई ये पहली वंदे भारत ट्रेन है। आईसीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक इस ट्रेन को किस रूट पर चलाया जाएगा इस पर अब तक फैसला नहीं हुआ है। रेलवे बोर्ड जल्द ही इस बारे में ऐलान करेगा। वंदे भारत ट्रेन पूरी तरह से देश में बनाई गई सेमी हाई स्पीड ट्रेन है। इस ट्रेन को 180 किलोमीटर प्रति घंटा गति पर चला कर टेस्ट किया जा चुका है। इस ट्रेन की क्षमता 200 किलोमीटर तक की स्पीड पर चलाने की है। देश में ट्रैक की स्थिति और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस ट्रेन को अब तक 130 किलोमीटर प्रति घंटा की औसत गति से चलाने की अनुमति दी गई है। ये ट्रेन यात्रियों के लिए जितना ज्यादा सुविधाजनक है उतनी ही देखने में खूबसूरत भी है। भारत में सबसे पहले वन्दे भारत ट्रेन 18 फरवरी 2019 को चलाई गई थी। इस ट्रेन में समय के साथ कई सुधार भी किए गए हैं। एक वंदे भारत ट्रेन को बनाने में रेलवे को लगभग 100 करोड़ रुपये की लागत लगती है। इस ट्रेन को बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले आईसीएफ के पूर्व जीएम सुधांशु मणि कहते हैं कि वंदे भारत आज देश की सबसे आधुनिक ट्रेन है। रेलव ने अभी इस ट्रेन के रंग में बदलाव का फैसला लिया है। लेकिन इस ट्रेन में अपार संभावनाएं हैं। आप समय के साथ ही वंदे भारत स्लीपर ट्रेन, वंदे भारत जनरल ट्रेन, वंदे भारत हाइड्रोजन ट्रेन, वंदे भारत मालभाड़ा ट्रेन जेसे प्रयोग भी देखेंगे। रेलवे को इस तरह के प्रोजेक्ट्स पर तेज गति से काम करने की जरूरत है।