चंडीगढ़ : चंडीगढ़ मास्टर प्लान-2031 के प्रावधान के तहत ही नॉन-मोटराइज्ड ट्रांसपोर्ट (एनएमटी) के लिए 11 ग्रीन कॉरिडोर बनाए जाएंगे। ये कई चरण में बनेंगे, जिसकी शुरुआत जल्द होने जा रही है। इस संबंध में यूटी प्रशासन के अर्बन प्लानिंग विभाग ने मंगलवार को यूटी प्रशासक के सलाहकार धर्मपाल को एक प्रेजेंटेशन दी। इसमें वित्त सचिव विजय नामदेवराव जड़े, मुख्य वन संरक्षक देबेंद्र दलाई, डीसी यशपाल गर्ग, नगर निगम व ट्रैफिक पुलिस के अधिकारी भी शामिल रहे।

 बैठक में कहा गया कि नॉन-मोटराइज्ड ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा देने से शहर की हरियाली बढ़ेगी और लोगों की सेहत के लिए यह काफी अच्छा रहेगा। कहा कि शहर में साइकिल ट्रैक का जाल बिछा हुआ है, जिसका इस्तेमाल काफी संख्या में लोग कर भी रहे हैं लेकिन अब साइकिल का इस्तेमाल दफ्तर आने-जाने वह अन्य कामों के लिए भी किया जाए, इसके प्रति लोगों को प्रेरित करने के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाए जा रहे हैं। ग्रीन कॉरिडोर में मोटराइज्ड वाहनों के आने पर पूरी तरह से पाबंदी होगी। यह कॉरिडोर ऐसे इलाकों से होकर गुजरेंगे, जहां आसपास मार्केट-दफ्तर व घर होंगे ताकि लोग आसानी से अपने रोजाना के कामों के लिए भी साइकिल का इस्तेमाल कर सकें। 

पटियाला की राव और एन-चो से होकर गुजरेंगे दो कॉरिडोर
पहले चरण में दो कॉरिडोर बनाए जाएंगे, जिसमें कॉरिडोर नंबर-1 पटियाला की राव की तरफ से होकर गुजरेगा और कॉरिडोर नंबर-5 शहर के बीचोबीच एन-चो से होकर गुजरेगा। इस पर मंगलवार को प्रशासक के सलाहकार धर्मपाल के साथ हुई बैठक में विस्तृत चर्चा हुई। कॉरिडोर नंबर-1 कुल 9 किलोमीटर का है, जबकि कॉरिडोर नंबर-5 कुल 8 किलोमीटर का होगा। 

सलाहकार धर्मपाल ने उनको जल्द से जल्द पूरा करने का निर्देश दिया है। इसकी जिम्मेदारी इंजीनियरिंग विभाग को दी गई है, जो वन विभाग के साथ मिलकर काम करेगा। सलाहकार धर्मपाल ने इंजीनियरिंग विभाग को वर्तमान के साइकिल ट्रैक को भी जल्द से जल्द ठीक करने का निर्देश दिया है।