नई दिल्ली । दुनिया भर के बड़े बड़े धन्ना सेठों के पास प्राइवेट जेट विमानो की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।हर 6 मिनट में आकाश में एक प्राइवेट जेट उड़ता हुआ नजर आ रहा है। दुनिया भर में प्राइवेट जेट विमानों की संख्या बढ़कर 90256 हो गई है। जेट विमान 5,00,000 टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जित कर रहे हैं। सारी दुनिया के देश इसका खामियाजा भुगत रहे हैं.
लंदन और पेरिस के बीच में सबसे ज्यादा जेट विमान उड़ान भर रहे हैं। सामान्य विमान की तुलना में इसमें 14 गुना ज्यादा प्रदूषण होता है। एक ट्रेन से जितना प्रदूषण होता है।उससे 50 गुना ज्यादा प्रदूषण एक जेट विमान फैलाता है। इस प्रदूषण के कारण यूरोपीय देशों का मौसम भी बड़ी तेजी के साथ बदल रहा है।
दुनिया भर के बड़े-बड़े पूंजीपति देश और उनके पूंजीपति धन्ना सेठ सबसे ज्यादा प्रदूषण फैलाते हैं. इसका शिकार आम नागरिकों को होना पड़ता है।टैक्स भी आम नागरिकों से वसूल किया जाता है.बीमारियों से जान गंवाने वाले भी आम नागरिक होते हैं।
यूरोप में सबसे ज्यादा प्राइवेट जेट विमान आकाश में उड़ रहे हैं।2021 में पूरे यूरोप में 3 लाख 50 हज़ार जेट विमानों ने हवा में उड़ान भरी थी। यह संख्या 2022 में बढ़कर 5 लाख 70 हजार हो गई है।कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन दोगुना से ज्यादा बढ़कर 3.3 मेट्रिक टन हो गया है।यूरोप के देशों में अब चिंता जताई जा रही है। भारत जैसे देशों को तो चिंता करने की जरूरत ही नहीं है।क्योंकि भारत जैसे देश विकसित देशों के पीछे चलने को ही विकास की दौड़ में शामिल मान लेते हैं।सारी दुनिया के लिए अब प्राइवेट जेट विमान भी चिंता के सबसे बड़े कारण बनने लगे हैं। इसका असर पर्यावरण और मौसम पर बड़ी तेजी के साथ पड़ रहा है।