नई दिल्ली। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में शुक्रवार को दिल्ली अर्बन सेल्टर इम्प्रूवमेंट बोर्ड  की बोर्ड बैठक हुई। इस दौरान बोर्ड ने जनता से जुड़े कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए। डूसिब की बोर्ड बैठक में भ्रष्टाचार में घिरे अधिकारियों का मुद्दा भी उठा। बोर्ड ने ऐसे भ्रष्ट अफसरों को लेकर सख्त रूख अपनाया है। सीएम ने एसीबी को आय से अधिक संपत्ति वाले मामलों की जांच करने के निर्देश दिए हैं। सीएम के इस फैसले के बाद डूसिब से सेवानिवृत्त एक अधिकारी भी जांच के दायरे में आ गए हैं। अब एंटी क्राइम ब्रांच यह पता लगाएगी कि उनके पास आय से अधिक संपत्ति है या नहीं। इसके अलावा, कुछ अधिकारी अभी नौकरी में हैं या सेवानिवृत्त हो चुके हैं, उनके खिलाफ जांच का प्रस्ताव बोर्ड के सामने रखा गया। बोर्ड ने भ्रष्टाचार के दायरे में आने वाले लोगों के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं। इस दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हम दिल्ली सरकार के किसी भी विभाग में भ्रष्टाचार को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेंगे। भ्रष्टाचार से जुड़े मामले जब भी संज्ञान में आए हैं, डूसिब बोर्ड ने उनके प्रति सख्त कार्रवाई का प्रस्ताव रखा है। दरअसल, डूसिब से सेवानिवृत्त एक अधिकारी के खिलाफ दो शिकायतें 56(जे) के तहत दर्ज हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने डूसिब की विभिन्न शाखाओं में अपनी नौकरी के दौरान अपनी पत्नी के नाम पर संपत्ति खरीदी और बेची। इस मामले को उनके सेवानिवृत्त होने के बाद डूसिब की अनुशासनात्मक अथॉरिटी को भेजा गया था। अब मुख्यमंत्री ने उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। डूसिब ने सुल्तानपुर माजरा के अंदर एससी/एसटी विभाग द्वारा बनाए जा रहे मिनी स्टेडियम के लिए अपनी जमीन देने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है। यह मिनी स्टेडियम बन जाने से अनुसूचित जाति-जन जाति के बच्चों को वहां विश्वस्तरीय खेलों की ट्रेनिंग मिल सकेगी और वो भी ओलंपिक व कॉमनबेल्थ गेम्स में मेडल लाकर देश का नाम रौशन कर सकेंगे। बता दें कि दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डूसिब) बेघर लोगों को जरूरी सहायता प्रदान करने के लिए 197 आश्रय गृहों का संचालन करता है। यह सुविधाएं आश्रय प्रबंधन एजेंसियों (एसएमए) द्वारा 24 घंटे प्रदान की जाती हैं। रैन बसेरों के संचालन और प्रबंधन के लिए डूसिब को 72.32 करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी दिया गया था। महामारी के दौरान बेघर लोगों की बढ़ती संख्या को देखते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 25 सितंबर 2020 को डूसिब की बैठक के दौरान आश्रय गृहों में मुफ्त भोजन प्रदान करने का निर्णय लिया।