बुढ़मू इलाके में मंगलवार की दोपहर बंद भूमिगत कोयला खदान धंस गई। इससे जमीन में बड़ी दरारें पड़ गईं। पुलिस का कहना है कि खदान के 11 नंबर के बंद मुहाने को खोलकर 17 लोग अवैध तरीके से कोयला खुदाई करने गए थे।

खदान धंसने से 12 लोग हुए जख्‍मी

खदान धंसने से सुमित मुंडा, राकेश राम, मुकेश राम, सूरज सिंह, सागर मुंडा सहित 12 लोग जख्मी हो गए। खदान धंसने से कोयला निकाल रहे लोग हवा के दबाव में खदान के मुहाना की ओर आ गए। मुहाना पर आने की वजह से लोग खदान के बाहर निकल गए। कोयला निकाल रहे लोग मुहाने तक नहीं आते तो बड़ी घटना हो सकती थी।

तीन लोगों के टूटे हाथ-पैर

बुढमू थानेदार का कहना है कि पुलिस द्वारा तीन दिन पहले खदान का मुहाना बंद किया गया था। इससे गैस निकलने की वजह से भी लोगों की तबीयत खराब हो गई। खदान से निकलने वाले तीन लोगों का हाथ और पैर टूट गया है। खदान के अंदर कोई नहीं फंसा है।

बंद कराए जाने के बाद फिर खोल दिया जाता है खदान 

ग्रामीणों ने बताया कि स्थानीय मुखिया चमरू लोहरा के संरक्षण में बंद खदान से कोयला निकाला जाता है। पुलिस या सीसीएल द्वारा जब भी भूमिगत खदानों के मुहानों को बंद कराया जाता है, स्थानीय ग्रामीणों द्वारा कुछ ही दिनों में इसे फिर खोल दिया जाता है और अवैध निकासी शुरू हो जाती है।

भूमिगत खदान को बंद होने के बाद इसे बालू या मिट्टी से भरने का प्रविधान है। लेकिन सीसीएल सिर्फ मुहानों को बंद कर पल्ला झाड़ लेती है। इस मामले में मुखिया चमरू लोहरा ने बताया कि आरोप गलत है।

उन्होंने कई बार सीसीएल को पत्र लिखकर इसकी जानकारी दी है। इस जगह पर धंसान हुआ है, वहां से पांच सौ मीटर के दायरे में पिछले वर्ष भी भू-धंसान हुआ था। छापर कोयलारी की बंद पड़ी भूमिगत खदान अंदर से काफी दूर तक खोखली जगह है।

खदान के अंदर कोई नहीं फंसा हुआ है। घायलों को अस्पताल भेजा गया है। इस बार खदान का रास्ता पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा ताकि लोग उसके अंदर नहीं जा सकें।