संसद की सुरक्षा में हुई चूक के बाद अब राज्यों की विधानसभा में भी इसका असर दिखने लगा है. प्रशासन इस तरह के मामलों को रोकने के लिए पूरी तरह से तैयार है. झारखंड विधानसभा में आम जन का प्रवेश अब आसान नहीं होगा. झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र आज से शुरू होने जा रहा है. इसी बीच  विधानसभा अध्यक्ष ने विधायक दल के नेताओं के साथ बैठक की और सुरक्षा को लेकर बात की.

नियमों में हुआ बदलाव

विधानसभा अध्यक्ष के साथ बैठक में विधानसभा की सुरक्षा को लेकर सभी ने चिंता जताई. इस दौरान अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो ने साफ़ किया कि अब अनावश्यक व्यक्ति विधानसभा परिसर में आने की जरूरत नहीं है. इसके अलावा  दर्शक दीर्घा में साधारण प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी. नए नियमों के अनुसार विधायक के द्वारा लिखित तौर पर की गई अनुशंसा पर ही उनके सुपरिचित व्यक्ति दर्शक दीर्घा तक जा पाएंगे. ऐसे में साफ़ है कि दर्शक दीर्घा में प्रवेश अब आसान नहीं होगा.

बता दें कि झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष रबींद्र नाथ महतो ने शुक्रवार से शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र के दौरान सदन के सुचारू कामकाज पर चर्चा के लिए बृहस्पतिवार को एक सर्वदलीय बैठक की. विधानसभा का पांच दिवसीय शीतकालीन सत्र 21 दिसंबर को समाप्त होगा. इस बैठक में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम, विपक्ष के नेता अमर बाउरी, मंत्री सत्यानंद भोक्ता, आजसू पार्टी के नेता लंबोदर महतो और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माले) लिबरेशन के विधायक विनोद सिंह मौजूद थे.

विधानसभा के अध्यक्ष रबींद्र नाथ महतो ने संवाददाताओं से कहा, 'सदन को सुचारू रूप से चलाने की जिम्मेदारी सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों की है. मुझे उम्मीद है कि सत्र में जनहित के मुद्दों पर सार्थक चर्चा होगी.' मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा, 'मुझे उम्मीद है कि सत्र के दौरान आम लोगों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा होगी. सरकार सदन में उठाए गए सभी सवालों का जवाब देगी.