प्रदेश में दूसरे चरण में 70 विधानसभा सीटों के लिए हुए मतदान से पहले मॉकपोल के दौरान 3,632 ईवीएम खराब निकली थीं। ईवीएम को हैदराबाद भेजने की तैयारी की जा रही है। बताया जाता है कि 17 नवंबर को होने वाले मतदान से आठ-दस दिनों पहले सभी जिला मुख्यालय में बनाए गए स्ट्रांग रूम में कमिशनिंग कर मतदान के लिए तैयार किया गया था।

कमिशनिंग के दौरान इन मशीनों को पूरी तरह से जांच की गई थी, लेकिन पोलिंग बूथों पर पहुंचाने के बाद मॉकपोल के दौरान इनमें से 3,632 ईवीएम खराब निकलीं। इसके कारण इन मशीनों की जगह रिजर्व में रखी गई दूसरी मशीनों से माकपोल कराया गया, जिनका इस्तेमाल रिसेट करने के बाद पोलिंग बूथों में किया गया।

ईवीएम को वापस हैदराबाद भेजा जाएगा

प्रदेश में दूसरे चरण में माकपोल के दौरान बीयू 904, सूयी 882 एवं वीवीपैट की 1,846 मशीनें खराब पाई गईं। इन मशीनों का अब चुनाव में इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। सभी खराब मशीनों को 13 दिसंबर तक वापस हैदराबाद भेजा जाएगा। रायपुर जिले के सातों विधानसभा क्षेत्रों में भी माकपोल के दौरान कुल 202 ईवीएम खराब निकली थीं। जिला प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि माकपोल के दौरान खराब निकली सभी ईवीएम को वापस हैदराबाद भेजा जाएगा। इसके लिए तैयारी की जा रही है।

कमिशनिंग में सही मिली, माकपोल में खराब

ईवीएम का पोलिंग बूथों पर भेजने से पहले कमिशनिंग की गई थी। इसमें सभी मशीनों को सही पाया गया था। रायपुर जिले के सेजबहार स्थित इंजीनियरिंग कालेज में कमिशनिंग की गई थी। यहां भी जितनी मशीनों की कमिशनिंग की गई थी, उसमें सभी सही पाई गई थीं। पोलिंग बूथों में पहुंचने के बाद इनमें से 202 मशीनें खराब निकलीं।