नई ‎दिल्ली। देश के पांच राज्यों में होने जा रहे ‎विधानसभा चुनावों में हमास और खा‎लिस्तान जैसे डरावने शब्दों की एंट्री हो गई है। ये दोनों ही शब्द नेताओं की जुबान पर चढ़ने लगे हैं। इसकी शुरुआत ‎दिल्ली से भाजपा नेता सं‎वित पात्रा ने कर दी है। पात्रा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस आगामी विधानसभा चुनावों से पहले वोटों के लिए तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है और देश की सबसे पुरानी पार्टी तथा उसके नेता हमास और खालिस्तान के समर्थन में आ गए हैं। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने यह भी कहा कि कांग्रेस हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के दौरान किए गए अपने चुनावी वादों को पूरा करने में विफल रही है।
पात्रा ने यहां पार्टी मुख्यालय में पत्रकारों से चर्चा करते कहा कि कांग्रेस और उसके नेता राहुल गांधी को भारत और दुनिया भर में हमास के समर्थक के रूप में देखा जाता है, जबकि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हाल ही में खालिस्तान के समर्थन में बात की थी। उन्होंने कहा, आपको हमास का समर्थन करने की क्या जरूरत है? खालिस्तान के समर्थन में क्यों जा रहे हैं अशोक गहलोत? इसके लिए एक शब्द है: तुष्टीकरण। उन्होंने कहा, अगर उन्होंने हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक में अपने चुनावी वादों को पूरा किया होता तो उन्हें खालिस्तान शब्द का इस्तेमाल नहीं करना पड़ता जिसके कारण (तत्कालीन प्रधानमंत्री) इंदिरा गांधी की हत्या कर दी गई।
पात्रा ने कहा कि भाजपा ने चुनावों के दौरान जो भी वादे किए थे, उन्हें पूरा किया। उन्होंने कहा, हमने कहा था कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण होगा। इसका निर्माण हो रहा है। हमने कहा था कि हम उन्हें उनके घर में घुसकर मारेंगे और सर्जिकल स्ट्राइक की गई। उन्होंने कहा, मोदी सरकार ने जो भी वादा किया उसे पूरा किया। यह भाजपा की चुनौती है... एक भी योजना ऐसी नहीं है जिसका मोदी जी ने वादा किया हो और उसे पूरा नहीं किया हो।