चंडीगढ़ । बाढ़ से खराब हुई फसल के मुआवजे और अन्य मांगों को लेकर पंजाब-हरियाणा के किसान संगठनों ने मंगलवार (22 अगस्त) को चंडीगढ़ में धरना देने का एलान किया है। किसानों को चंडीगढ़ में घुसने से रोकने के लिए पुलिस ने कमर कस ली है। चंडीगढ़ पुलिस ने पंचकूला और मोहाली से लगते शहर के 27 प्रवेशद्वार सील कर दिए हैं। इन सभी जगह बैरिकेडिंग कर हथियारों से लैस रिजर्व फोर्स तैनात कर दी गई है।

किसानों को रोकने के लिए चंडीगढ़ पुलिस ने सीमाओं पर चार हजार और मोहाली पुलिस ने 1500 पुलिसर्मियों की ड्यूटी लगाई है। पुलिस के आला अधिकारियों ने सोमवार को शहर के सभी प्रवेशद्वारों की जांच की। किसानों को शहर में दाखिल होने से रोकने के लिए सभी डिवीजन के डीएसपी की जिम्मेदारी लगाई है।

पंजाब और हरियाणा के किसान चंडीगढ़ में घुसकर सेक्टर-17 के परेड ग्राउंड में धरना देना चाहते हैं। चंडीगढ़ पुलिस किसानों को बॉर्डर पर ही रोकने की योजना बना रही है। हालाकि पंजाब और हरियाणा में चंडीगढ़ आने वाले कई किसान नेताओं को हिरासत में ले लिया गया है।बता दें कि पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड की कुल 16 किसान संगठनों ने ट्रैक्टर रैली और चंडीगढ़ घेराव का आह्वान किया है। जानकारी के मुताबिक करीब 10 हजार किसानों के चंडीगढ़ की ओर कूच करने की योजना है।

चंडीगढ़ पुलिस ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए बॉर्डर एरिया में रैपिड एक्शन फोर्स, इंडो-तिब्बतन बार्डर पुलिस, सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स के अलावा चंडीगढ़ पुलिस के जवान तैनात कर दिए हैं। एसएसपी कंवरदीप कौर ने साफ कर दिया है कि किसी भी हाल में किसानों को शहर में घुसकर प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। ऐसे में उन्हें रोकने के लिए ज्यादा से ज्यादा फोर्स तैनात की जाएगी।

दूसरी ओर, एक अन्य अधिकारी ने कहा है कि यातायात में कोई दिक्कत न हो इसके लिए भी पूरी तैयारी की गई है। शहर में पंचकूला और मोहाली की तरफ से आने वाले रास्तों को सील करने के चलते कुछ सड़कों को जरूरत पड़ने पर डायवर्ट किया जाएगा। चंडीगढ़ पुलिस के अधिकारियों की मोहाली और पंचकूला के अधिकारियों से भी इस मुद्दे पर बैठक की है।