जोधपुर। राजस्थान में सात घंटे की निर्बाध बिजली आपूर्ति और बिजली कनेक्शन की मांग को लेकर किसानों का प्रदर्शन सोमवार को पांचवें दिन जारी रहा। बिजली को लेकर कई मुद्दों पर किसानों और डिस्कॉम अधिकारियों के बीच तीन दौर की बातचीत बेनतीजा रही। जोधपुर विद्युत वितरण कंपनी (Discom) पर किसानों का 'महापड़ाव' गुरुवार से शुरू हो गया।

भारतीय किसान संघ के राजस्थान ने सचिव तुलछा राम सिंवर ने कहा, "कृषि के लिए सात घंटे निर्बाध बिजली आपूर्ति और बिजली कनेक्शन के लिए पैसा जमा करने वाले किसानों को तुरंत ट्रांसफार्मर जारी करने के अलावा, जले हुए ट्रांसफार्मर को जल्दी से बदलने के लिए हर डिवीजन में पांच ट्रांसफार्मर के आरक्षित स्टॉक की मांग भी की गई है।"

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि उनका धरना जारी रहेगा क्योंकि अधिकारियों ने उनकी मांगों पर कोई कार्रवाई नहीं की है। सिंवर ने कहा कि जमीनी स्तर पर नतीजे दिखने चाहिए। हालांकि डिस्कॉम के अधिकारियों ने दावा किया है कि किसानों की समस्या का समाधान कर दिया गया है।शनिवार को राजस्थान के ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने कहा था कि राज्य में डिस्कॉम से जोधपुर डिस्कॉम सबसे ज्यादा बिजली का बोझ संभालता है क्योंकि जोधपुर एक रेगिस्तानी जिला है।

उन्होंने कहा, "यहां किसानों की बिजली की मांग अधिक है। लेकिन हम अधिकारियों के परामर्श से किसानों की मांगों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं।"मंत्री भंवर भाटी ने आगे कहा था, "इस क्षेत्र में भूमिगत जल स्तर कई जगहों पर 1,000 फीट से भी नीचे चला गया है इसलिए पानी निकालने के लिए अधिक बिजली की जरूरत है।"

उन्होंने किसानों से राज्य सरकार के साथ सहयोग करने के लिए कहा है। वहीं, तुलछा राम सिंवर ने कहा कि किसानों की मांगों से पहले भी कई बार अधिकारियों को इससे अवगत कराया गया, लेकिन केवल उन्होंने आश्वासन ही दिया। सिंवर ने दावा किया समस्या को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की गई है।