लाजपत नगर थाना पुलिस की लापरवाही सामने आई है। लाजपत नगर पुलिस ने बीयर की बोतल को तोड़कर कई बार गले में घोंपकर हत्या करने वाले आरोपी चिंटू को चोरी के आरोप में बंद कर दिया पर पुलिस को ये पता नहीं लगा कि वह हत्या का आरोपी है और कोर्ट ने उसे भगोड़ा घोषित कर रखा था। खास बात ये है कि हत्या की वारदात के तीन वर्ष बाद आरोपी उसी जगह आकर रहने लग गया, जहां उसने साथी की हत्या की थी। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने मथुरा के अजम नगर के सराय आजमपुर निवासी आरोपी चिंटू उर्फ शिंटू को अब गिरफ्तार किया है। इस दौरान वह चोरी की वारदात कर चुका था। अपराध शाखा के पुलिस अधिकारियों के अनुसार, वर्ष 2018 में चिंटू अपने साथी दिलीप के साथ मूलचंद फ्लाईओवर के नीचे ताश खेल रहा था। साथ में साथी धनीराम भी था। मामूली बात पर झगड़ा होने पर दोनों ने धनीराम की हत्या कर दी। दिलीप ने धनीराम को पकड़ लिया और चिंटू ने बीयर की बोतल उसके गले में कई बार घोंप दी। चोरी के पैसों के बंटवारे को लेकर इनमें झगड़ा हुआ था। लाजपत नगर थाने में हत्या का मामला दर्ज किया गया था। अपराध शाखा में तैनात एसआई अनुज कुमार को सूचना मिली थी कि चिंटू हजरत निजामुद्दीन क्षेत्र में आएगा। एसीपी उमेश बड़थ्वाल के नेतृत्व में इंस्पेक्टर राकेश शर्मा, एसआई अनुज व अन्य की टीम ने आरोपी चिंटू को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी चिंटू पांच वर्ष से फरार था और उसके खिलाफ आठ आपराधिक मामले दर्ज हैं।  

कोर्ट ने भगोड़ा घोषित कर रखा था

आरोपी ने पूछताछ में बताया कि धनीराम की हत्या के बाद वह राजस्थान जाकर छिप गया। इसके बाद वर्ष 2021 में दिल्ली आकर लाजपत नगर फ्लाईओवर के नीचे रहने लगा। यही पर उसने धनीराम की हत्या की थी। वर्ष 2022 में ये चोरी करते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया। इसने अपना नाम गोविंद बताया। लाजपत नगर पुलिस ने आरोपी के बारे में कुछ पता करने की जहमत नहीं उठाई और उसे चोरी क आरोप में जेल भेज दिया। लाजपत नगर पुलिस को पता नहीं लगा कि चिंदू हत्या का आरोपी है और कोर्ट ने उसे भगोड़ा घोषित कर रखा है। पुलिस ने हत्या वाली जगह पर जाकर भी चेक नहीं किया। आरोपी वर्ष 2023 में जेल से बाहर आ गया। अब अपराध शाखा ने आरोपी चिंटू को गिरफ्तार किया है।