नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में यमुना नदी अब भी खतरे के निशान से महज कुछ सेंटीमीटर नीचे बह रही है। मंगलवार रात 10 बजे पुराने यमुना पुल के पास यमुना का जलस्तर खतरे के निशान 205.33 मीटर के मुकाबले 205.24 मीटर दर्ज किया गया। जबकि शाम सात बजे यह 205.32 मीटर था।

बता दें कि यमुना नदी के जलस्तर में वृद्धि चिंता का विषय है, जिससे राष्ट्रीय राजधानी और आसपास के क्षेत्रों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है। 13 जुलाई को 208.66 मीटर के सर्वकालिक उच्चतम स्तर पर पहुंचने के बाद पिछले कुछ दिनों से नदी का जल स्तर 205.33 मीटर के खतरे के निशान के आसपास मंडरा रहा था।

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय राजधानी में लगातार बारिश के बाद नदी का जलस्तर 10 जुलाई को शाम 5:0 बजे खतरे के निशान को पार कर गया था। यमुना के जलस्तर में वृद्धि मुख्य रूप से उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में भारी वर्षा के कारण हरियाणा के यमुनानगर में स्थित हथिनीकुंड बैराज से छोड़े गए पानी के कारण है।

निचले इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति

जलस्तर में वृद्धि के कारण दिल्ली के कई निचले इलाकों में जलजमाव और बाढ़ जैसी स्थिति से जूझ रहे हैं। 13 जुलाई के बाद से यमुना धीरे-धीरे कम होने लगी थी। फिर भी पिछले दो-तीन दिनों से जलस्तर में मामूली उतार-चढ़ाव हुआ है। आठ दिनों तक सीमा से ऊपर बहने के बाद 18 जुलाई की रात 8 बजे जलस्तर खतरे के निशान से नीचे आ गया।

हथनी कुंड छोड़ा जा रहा कम पानी

हथनी कुंड बैराज से कम पानी छोड़े जाने के कारण अब यमुना खतरे के निशान 205.33 ने नीचे पहुंच गई है। बुधवार तक इसमें और कमी होने की उम्मीद जताई जा रही है। इससे दिल्लीवासियों विशेषकर निचले क्षेत्र में रहने वाले लोगों ने राहत की सांस ली है। रविवार से यमुना के जलस्तर में हो रही वृद्धि से दिल्ली में एक बार फिर से बाढ़ का खतरा मंडराने लगा था।