पहाड़ों पर हो रही तेज बरसात के चलते यमुना नदी फिर से उफान पर आ गई है। यमुना नदी में 11 बजे दो लाख 23 हजार 500 क्यूसेक जल बहाव पहुंच गया। एक लाख क्यूसेक से अधिक जल बहाव हो रहा है। सिंचाई विभाग ने पूर्वी यमुना नहर व पश्चिमी यमुना नहर की सप्लाई बंद कर दी है। ताकि नहरों में शिल्ट पत्थर व जंगल से आने वाले लक्कड़ से नुकसान ना हो । 72 घंटे के करीब में पानी दिल्ली में पहुंच जाएगा।

प्रशासन ने लोगों को किया अलर्ट

प्रशासन ने फिर से अलर्ट घोषित कर दिया है। बिलासपुर एसडीएम जसपाल गिल का कहना है कि सरपंचों के माध्यम सभी गांव में यमुना की साइड में लोगों को न आने की सलाह दी जा रही है। बता दें कि 9 जुलाई को यमुना नदी उफान पर आ गई थी। यमुना का जल बाहव तीन लाख 69 हजार क्यूसेक तक चला गया था। 97 घंटे के बाद 13 जुलाई को यमुना का जलस्तर एक लाख से कम हुआ था । उसके बाद सिंचाई विभाग ने पश्चिमी यमुना नहर की सप्लाई शुरू की थी।

सुबह 5:00 बजे से बढ़ना हुआ शुरू यमुना का जलस्तर

घंटे दर घंटे यह रही यमुना के बहाव की स्थिति

5:00- 63 हजार

6:00 बजे 73 हजार

7:00 बजे 82 हजार

8:00 बजे - 87 हजार 170

9:00 बजे- 1 लाख 47 हजार

10:00 2 लाख 9 हजार 401

11:00 बजे 2 लाख 23 हजार 54

कमालपुर गांव को खतरा

यमुना का जलबहाव बढ़ने से गांव कमालपुर टापू के पास भारी कटाव हुआ था । वन विभाग की 200 एकड़ जमीन में कटाव हुआ जिस कारण जमुना गांव के निकट पहुंच गई। गांव की सुरक्षा के लिए एनडीआरएफ व सेना के जवान तक पहुंचे थे। उसके बाद भी कटाव जारी रहा और फिर से यमुना का जलस्तर बढ़ने से गांव को खतरा पहुंच गया है। पूर्व सरपंच प्रदीप चौहान विकास राणा वेदपाल राणा का कहना है कि पहले ही काफी ग्रामीणों ने यहां से अपना सामान और बच्चों को दूसरे स्थान पर शिफ्ट किया था। अब फिर से यमुना उफान पर है। जब से जलबहाव बढ़ रहा है, तभी से सभी ग्रामीण परेशान है।