प्रतिवर्ष ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन बड़ा महादेव पूजन करते हैं। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार इस बार 2 जून 2023 को यह पूजा की जाएगी।
यह शिवजी की सामान्य पूजा से कुछ भिन्न और विशेष पूजा है। आओ जानते हैं कि क्या है इस दिन का महत्व और क्यों कहते हैं इसे बड़ा महादेव और कैसे यह शिव पूजा से भिन्न।
कहां है बड़ा महादेव मंदिर:-

मध्यप्रदेश के होशंगाबाद जिले में स्थित पचमढ़ी के चौरागढ़ में स्थित है बड़ा महादेव का मंदिर।
कहते हैं कि यही पर भगवान शंकर ने भस्मासुर को वरदान दिया था और यहीं पर उनको विष्णुजी से मदद लेना पड़ी थी।
पचमढ़ी शहर से लगभग 12 किलोमीटर दूर चौरागढ़ पहाड़ी स्थित है।
सतपुड़ा पर्वत की मालाओं के बीच स्थित है यह पहाड़ी।
चौराबाबा के नाम पर रखा गया पहाड़ी का नाम।
पहाड़ी पर मंदिर में पहुंचने के लिए पहले को कई पथरिले रास्ते तय करना होते हैं।
महादेव मंदिर से 3 किमी का पैदल चलना होता है। 1300 सीढ़ियों की चढ़ाई है।
बड़ा महादेव मंदिर में एक गुफा है, जो बहुत ही खूबसूरत है और यह पहाड़ी पर बनी है। इस गुफा के अंदर आपको एक जलकुंड देखने मिलेगा।
जब आप गुफा में जाते हैं तो आपको शंकर जी का शिवलिंग और उसके साथ ही साथ गणेश जी देखने मिलते हैं। गुफा के द्वार में नंदी भगवान की प्रतिमा बैठी हुई है जो पत्थर की बनी हुई है।
 
क्या है बड़ा महादेव मंदिर का महत्व और इतिहास:

कहते हैं कि महादेव यात्रा के दौरान यहां पर अपना त्रिशूल छोड़कर चले गए थे। तभी से मन्नत पूर्ण होने पर यहां परत्रिशूल छोड़ने की परंपरा बन गई है।
संत भूरा महाराज की एक प्रतिमा चौरागढ़ में भगवान भोलेनाथ के ठीक सामने स्थापित की गई है। दूर-दूर से लोग चौरागढ़ पचमढ़ी में महादेव की पूजाकरने आते हैं।
यह कहावत है कि महादेव दर्शन हेतु जाने से पहले, भूर भगत (छिंदवाड़ा) को पार करना आवश्यक है।
किवदंतियों के अनुसार चौरागढ़ की पहाड़ियों में साधना के दौरान भूरा भगत महराज को महादेवजी ने दर्शन दिए थे।
शिवजी से उन्होंने वरदान मांगा कि मैं आपके ही चरणों में रहूं और यहां आने वाले को आपका मार्ग बता सकूं।
भूरा भगत महाज एक शिला के रूप में वहां मौजूद हैं।
संत भूरा भगत की प्रतिमा ऐसे स्थान पर विराजमान है जिसे देखने से अनुमान लगता है मानों भगवान भोलेनाथ के मुख्यद्वार पर द्वारपाल की तरह वे बैठे हों।
उसी के कारण यहां भी मेला भरता है। भक्त यहां गुलाल, सिंदूर, कपूर, खारक, सुपारी और बड़े त्रिशूल चढ़ाते हैं।
बड़ा महादेव पूजन क्यों करते हैं?

बड़ा महादेव पहुंचक लोग विशेष पूजा करने के बाद त्रिशूल चढ़ाते हैं।
त्रिशूल चढ़ाने से सभी तरह की मनोकामनाएं पूर्ण होती है।
भगवान महादेव के 108 नामों का जप करने के बाद बड़ा महादेव का ध्यान करते हुए यहां स्तुति का गायन कर भगवान की पूजा होती है।
यहां पर श्रद्धा पूर्वक पूजन करने और त्रिशूल चढ़ाने से भगवान शिव का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है और मन की सभी इच्छाएं पूरी हो जाती है।
कैसे पहुंचें चौरागढ़:-

ट्रेन, फ्लाइट या बस से आप पहले मध्यप्रदेश के जबलपुर पहुंच जाएं।
जबलपुर से आप बस या टैक्सी के द्वारा पंचमढ़ी पहुंचें।
जबलपुर से पिपरिया के लिए ट्रेन मिलती है, वहां से पंचमढ़ी पास में ही जहां बस में जा सकते हैं।
पिपरिया रेलवे स्टेशन कई बड़े शहरों से जुड़ा है, जबलपुर और इटारसी से यहां के लिए आसानी से ट्रेन मिलती है।