कर्नाटक। गर्मी के चलते उत्तरी कर्नाटक के कई जिले पेयजल की किल्लत से जूझ रहे हैं. ऐसे में लोगों को पानी उपलब्ध कराने के लिए कर्नाटक सीएम सिद्धारमैया ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को पत्र लिखकर कृष्णा और भीमा नदी में तीन-तीन टीएमसी पानी छोड़ने का अनुरोध किया है.


बेंगलुरु: उत्तरी कर्नाटक के कई जिलों को गर्मी के चलते पेयजल की किल्लत देखने को मिल रही है. ऐसे में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की सरकार को पत्र लिखकर 5 टीएमसी पानी छोड़ने की मांग की है. सिद्धारमैया ने पत्र में अनुरोध किया कि लोगों और मवेशियों को पीने के पानी की आपूर्ति की सुविधा के लिए कृष्णा और भीमा नदियों में कुल पांच टीएमसी (thousand million cubic feet) पानी छोड़ा जाना चाहिए, क्योंकि वहां भारी कमी होने जा रही है. कलबुर्गी सहित उत्तरी कर्नाटक के कई जिलों में पीने के पानी की समस्या.

बुधवार को सीएम सिद्धारमैया ने इस संबंध में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को पत्र लिखा है. पिछली बोम्मई सरकार ने भी पेयजल की कमी के कारण कृष्णा और भीमा नदी में तीन-तीन टीएमसी पानी छोड़ने के लिए पत्र लिखा गया था, जिसके जवाब में मुख्यमंत्री ने मई के पहले पखवाड़े में कृष्णा नदी में एक टीएमसी पानी छोड़ा था. इसके लिए कर्नाटक सरकार ने महाराष्ट्र सरकार को धन्यवाद दिया है. सीएम सिद्धारमैया ने पत्र में अनुरोध किया है कि मानवता की दृष्टि से पानी को मोड़ा जाना चाहिए.

सिद्धारमैया ने पत्र में कहा है कि लोगों और मवेशियों के लिए पीने के पानी की कमी से बचने के लिए महाराष्ट्र राज्य के वाराना और कोयना जलाशयों से 2 टीएमसी कृष्णा नदी में छोड़ा जाने चाहिए. इसी प्रकार महाराष्ट्र राज्य में उज्जनी जलाशय से भीमा नदी में 3 टीएमसी पानी छोड़ने के लिए संबंधितों को तत्काल निर्देश दिए जाएं. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने अनुरोध किया है कि जून के महीने में लोगों और पशुओं को पीने का पानी उपलब्ध कराने के लिए कुल 5 टीएमसी पानी छोड़ा जाना चाहिए.

मानसून में देरी: इस बार राज्य में मानसून की बारिश देरी से होने की संभावना है. पिछले साल इसी समय तक मानसून राज्य में प्रवेश कर चुका था. इस बार जून के पहले सप्ताह में दक्षिण-पश्चिम मानसूनी हवाओं के केरल राज्य में प्रवेश करने की संभावना है. ऐसे में मौसम विभाग ने पहले ही भविष्यवाणी कर दी है कि 8 जून को मानसून राज्य में प्रवेश कर सकता है. प्रदेश के कई हिस्सों में प्री-मानसून बारिश हो रही है लेकिन यह गर्मियों के सूरज को नहीं बुझा सकता है. इसके चलते कुछ जगहों पर पानी की किल्लत हो गई है. इस संदर्भ में मैंने राज्य सरकार को पत्र लिखकर मानवीय आधार पर पानी छोड़ने का अनुरोध किया है.