राजधानी समेत प्रदेश में एक अप्रैल तक मौसम के मिजाज में बदलाव देखने को मिलेगा। इस दौरान तेज हवा चलेगी। बिजली चमकने के साथ, ओला गिरने के भी पूर्वानुमान है। पटना समेत प्रदेश के 14 जिलों में गुरुवार को आंधी-बारिश के साथ बिजली चमकने को लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है।

मौसम विज्ञान केंद्र पटना के अनुसार, उप हिमालयी पश्चिमी बंगाल से उत्तर ओडिशा तक एक ट्रफ रेखा बने होने के कारण प्रदेश के दक्षिण पश्चिम, दक्षिण मध्य, उत्तर पूर्व और दक्षिण पूर्व भागों के एक या दो स्थानों पर मेघ गर्जन, आंधी पानी के साथ ओला गिरने की संभावना है। इस दौरान हवा की गति 30-40 किमी प्रतिघंटा रहने का पूर्वानुमान है। इन सभी मौसमी प्रभावों को देखते हुए चेतावनी जारी की गई है।

इन शहरों के लिए अलर्ट जारी

मौसमी प्रभाव को देखते हुए राजधानी समेत गया, नालंदा, शेखपुरा, नवादा, बेगूसराय, लखीसराय, जहानाबाद, बक्सर, भोजपुर, रोहतास, भभुआ, औरंगाबाद, अरवल जिले को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इन स्थानों पर हवा की गति 40-50 किमी प्रतिघंटा रहने का पूर्वानुमान है।

वहीं, शुक्रवार को उत्तर पूर्व भाग के सुपौल, सहरसा, किशनगंज, मधेपुरा, अररिया, पूर्णिया और कटिहार और दक्षिण पूर्व भाग के भागलपुर, बांका, जमुई, मुंगेर और खगड़िया में तेज आंधी और मेघ गर्जन के साथ वर्षा को लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है।

मौसम के तल्ख तेवर काे लेकर पटना समेत प्रदेश के 26 जिलों के तापमान में बुधवार को वृद्धि हुई। पटना के अधिकतम तापमान में 0.4 डिग्री, औरंगाबाद में 1.2 डिग्री, गया में 1.4 डिग्री, नवादा में 1.3 डिग्री, जमुई 1.3 डिग्री, वैशाली में 1.1 डिग्री, दरभंगा में 1 डिग्री, खगड़िया में 1.5 डिग्री की बढ़ोतरी दर्ज की गई।

खगड़िया का सबसे अधिक तापमान

बीते 24 घंटों के दौरान 37.1 डिग्री सेल्सियस के साथ खगड़िया में प्रदेश का सर्वाधिक अधिकतम तापमान दर्ज किया गया। पटना के अधिकतम तापमान में 0.4 डिग्री की वृद्धि होने के साथ 35.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। बुधवार को किशनगंज जिले को छोड़ पटना समेत प्रदेश के अधिसंख्य शहरों के तापमान में आंशिक वृद्धि दर्ज की गई।

पटना का तापमान 35.7, गया का 36, भागलपुर का 36.3, पूर्णिया का 35.1, दरभंगा का 34.4, सुपौल का 35.6, डेहरी 35.2, मोतिहारी का 35.0, वैशाली का तापमान 35.4, औरंगाबाद का तापमान 35.9, बेगूसराय 34.8 सेल्सियस अधिकतम तापमान दर्ज किया गया।

आंधी-पानी को लेकर खासतौर पर किसानों को सलाह दी गई है कि वे अपने फसलों, पशुओं के साथ स्वयं का बचाव करें। मौसम अनुकूल होने पर ही कार्य पूरा करें।