किशोरी के साथ दुष्कर्म हुआ तो उसने फूफा की शिकायत दादा-दादी से की, लेकिन उन्होंने शांत रहने के लिए कह दिया। इसके बाद पीड़िता की मां ने बेटी को न्याय दिलाने के लिए आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।

आगरा में कोर्ट ने भतीजी से दुष्कर्म के आरोपी उसके फूफा मोहन सिंह को दोषी पाया। यह सिकंदरा थाना क्षेत्र के एक गांव का है। विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट परवेज अख्तर ने उसे 10 साल कठोर कारावास और 20 हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया।

ताजगंज थाने में महिला ने केस दर्ज कराया था।

ये है मामला

आरोप लगाया कि 10 मई 2013 को वह पति के साथ खेरागढ़ क्षेत्र में अपने मायके गई थी। उस दिन घर पर 11 साल की बेटी, सास, ससुर थे। रात करीब 11 बजे बेटी का फूफा घर पर आया। खाना खाने के बाद फूफा ने किशोरी से दुष्कर्म किया। धमकी दी कि शिकायत करने पर जान से मार देगा। दूसरे दिन सुबह किशोरी ने सास-ससुर को दुष्कर्म के बारे में जानकारी दी। उन्होंने भी किसी को घटना के बारे में बताने से मना कर दिया।

बेटी ने सुनाई आपबीती

12 मई 2013 को वह मायके से लौटी तो उसे बेटी ने आपबीती बताई। इसके बाद सास, ससुर ने मुकदमा दर्ज न कराने का दबाव बनाया। फिर भी 14 मई 2013 को ताजगंज में केस दर्ज कराया। पुलिस ने दुष्कर्म, धमकी और पॉक्सो एक्ट के तहत आरोपपत्र दाखिल किया।

कोर्ट ने सुनाई सजा

विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट परवेज अख्तर ने पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य और एडीजीसी सुभाष गिरी, विनोद कुमार राजपूत के तर्क के आधार पर आरोपी को दोषी माना। उसे 10 वर्ष कठोर कारावास के साथ 20 हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया। कोर्ट ने पीड़िता को प्रतिकर दिलाने के आदेश की प्रति जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को भी भेजने के आदेश किए।