नई दिल्ली । जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में सेना के ट्रक पर हुए आतंकी हमले में एक बड़ा खुलासा हुआ है। आईबी रिपोर्ट में बताया गया कि बीजी सेक्टर में आतंकियों ने हमले के लिए स्टिकी बम का इस्तेमाल किया था। उन्होंने इस हमले को कटरा हमले के पैटर्न पर ही अंजाम दिया है। आईबी ने गृह मंत्रालय और एनआईए को सभी तथ्यों से संबंधित रिपोर्ट साझा की है। इस रिपोर्ट में बताया गया कि आतंकियों ने ट्रक पर करीब 36 राउंड गोलियां दागी थीं। उन्होंने हमले में स्टील बुलेट का भी इस्तेमाल किया था। वहीं फॉरेंसिक टीम ने सभी सैंपल लिए हैं। जांच टीम को ट्रक से 2 ग्रेनेड पिन और मिट्टी के तेल के वाष्प मिले हैं। रिपोर्ट में बताया कि तीन पैरामेडिक्स जिन्होंने सेना के सभी जवानों को निकाला और एक जख्मी जवान के बयान भी दर्ज किए गए हैं।
इस आतंकवादी हमले में 5 फौजी जवान शहीद हुए हैं। सात आतंकियों हमले को अंजाम दिया था। इनमें तीन विदेशी आतंकी हैं। हमले का बदला लेने के लिए सेना ने राज्य पुलिस के साथ मिलकर अपना एक्शन शुरू किया है। करीब 2000 कमांडो को सर्च ऑपरेशन में लगाया गया है। सेना के पास इनपुट है कि इलाके में सात आतंकवादी छिपे हैं। इसके लिए गहन तलाशी अभियान शुरू किया गया है। इस सर्च ऑपरेशन को ड्रोन और हेलिकॉप्टरों के जरिए अंजाम दिया जा रहा है। सेना ने शूट एट साइट के ऑर्डर दे दिए हैं।
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आतंकी हमले की जिम्मेदारी पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट ने ली है। इसे पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का समर्थित संगठन बताया जा रहा है। पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट यानी पीएएफएफ जम्मू कश्मीर में एक्टिव आतंकी संगठन है। पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट 2019 में जैश के प्रॉक्सी आउटफिट के तौर पर उभरा था, तभी से यह देशभर में विशेष रूप से जम्मू कश्मीर में आतंकी हमलों को अंजाम दे रहा है। यह पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा हुआ है।
आने वाले दिनों में बॉर्डर से घुसपैठ बढ़ने की आशंका है, इसकी वजह कश्मीर में होने वाले जी-20 समिट को बताया गया। यह हमला ऐसे समय में किया गया, जब भारत इस साल जी-20 समिट की अध्यक्षता कर रहा है। इसके तहत अलग-अलग जगह बैठकें होनी हैं। इसमें दो बैठकें श्रीनगर और लद्दाख के लेह में होंगी। लेह में 26 से 28 अप्रैल और श्रीनगर में 22 से 24 मई को बैठक होनी है।