धरोहरों का संरक्षण एवं संवर्द्धन हम सबका सामूहिक दायित्व,
शेखावाटी की हवेलियों की सुरक्षा एवं रखरखाव के लिए राज्य सरकार तत्पर - मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा 


- शेखावाटी में विरासत संरक्षण एवं विकास के लिए विभागों की ज्वाइंट कमेटी होगी गठित
- भविष्य में कोई भी हवेली नहीं तोड़ी जाए, जिला कलक्टर करें सुनिश्चित
- झुंझुनूं, सीकर और चूरू में अब तक 662 ऐतिहासिक हवेलियां चिन्हित
- हवेली मालिक, टूर ऑपरेटर्स एवं संरक्षणविद सहित अन्य हितधारकों ने विरासत संरक्षण के संबंध में दिए सुझाव

जयपुर। मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि शेखावाटी की हवेलियां प्रदेश की अनमोल एवं अद्वितीय धरोहर हैं। इन धरोहरों का संरक्षण एवं संवर्द्धन हम सबका सामूहिक दायित्व है। राज्य सरकार इस समृद्ध विरासत को आगे बढ़ाते हुए इनकी सुरक्षा एवं रखरखाव हेतु हर संभव सहयोग के लिए तत्पर है।

श्री शर्मा सोमवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में शेखावाटी विरासत सरंक्षण संवाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार शेखावाटी क्षेत्र में पर्यटन के माध्यम से रोजगार सृजन एवं आर्थिक विकास के लिए ठोस कदम उठा रही है। इसी दिशा में बजट वर्ष 2025-26 में शेखावाटी हवेली संरक्षण योजना की घोषणा की गई है। इस योजना में झुंझुनूं, सीकर और चूरू में अब तक 662 ऐतिहासिक हवेलियों को चिन्हित किया गया है। इन हवेलियों को हेरिटेज वॉक, सांस्कृतिक केंद्र, आर्ट गैलरी, होमस्टे और टूरिज्म हब के रूप में विकसित किया जाएगा।

शेखावाटी क्षेत्र बन रहा पर्यटन में सिरमौर-
मुख्यमंत्री ने कहा कि शेखावाटी क्षेत्र की धरती अपने आप में कला, संस्कृति और आस्था का अद्वितीय संगम है। ऐसे में शेखावाटी क्षेत्र आज पर्यटन में सिरमौर बन रहा है। इस वर्ष के छह माह में शेखावाटी के तीन जिलों सीकर, झुंझुनूं और चूरू में लगभग एक करोड़ 90 लाख देशी पर्यटक और 33 हजार से अधिक विदेशी पर्यटक आए। उन्होंने कहा कि शेखावाटी क्षेत्र में किसानों की समृद्धि के लिए राज्य सरकार यमुना जल समझौते को मूर्त रूप दे रही है। इसी तरह खाटूश्यामजी मंदिर एवं सालासर बालाजी मंदिर को धार्मिक पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। साथ ही, शेखावाटी क्षेत्र की हवेलियों को कुल 30 हेरिटेज प्रमाणपत्र जारी किए गए हैं। ये प्रमाणपत्र हवेलियों को संरक्षण से जोड़ते हुए उन्हें पर्यटन और आर्थिक गतिविधियों का हिस्सा बना रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शेखावाटी क्षेत्र में पर्यटन को लेकर अब तक 58 एमओयू हुए हैं। इनसे इस क्षेत्र में निवेश के साथ ही रोजगार के अवसर सृजित होंगे। सभी एमओयू को समय पर धरातल पर उतारने के लिए कार्ययोजना बनाकर कार्य किया जा रहा है। इसके साथ ही कोलकाता, हैदराबाद, सूरत आदि शहरों में राइजिंग राजस्थान कॉन्क्लेव के माध्यम से हवेली मालिकों और हितधारकों से संवाद करने जा रहे हैं। 

विरासत संरक्षण के लिए स्थानीय व विशेषज्ञ लोग आएं आगे-
श्री शर्मा ने कहा कि प्रवासी राजस्थानियों द्वारा कर्मभूमि से मातृभूमि अभियान के अंतर्गत प्रदेश में जल संरक्षण के संबंध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जा रही है। ऐसे में विरासत के संरक्षण के लिए स्थानीय, विशेषज्ञ एवं अनुभवी लोग आगे आएं। विरासत संरक्षण संवाद की यह पहल सांस्कृतिक धरोहर संरक्षण, पर्यटन संवर्धन और स्थानीय विकास को एक साथ लेकर चलने का ही प्रयास है।

विरासत के संरक्षण एवं पर्यटन विकास के लिए ज्वाइंट कमेटी होगी गठित-
मुख्यमंत्री ने कहा कि शेखावाटी के रामगढ़, नवलगढ़, मंडावा, खेतड़ी, लक्ष्मणगढ़, फतेहपुर और महनसर कस्बों की विरासत के संरक्षण एवं विकास के लिए विभिन्न विभागों की ज्वाइंट कमेटी गठित की जाएगी, जो इन क्षेत्रों में आधारभूत संरचना एवं पर्यटन विकास के लिए दीर्घकालिक कार्ययोजना बनाकर कार्य करेगी। साथ ही, उन्होंने भविष्य में कोई भी हवेली नहीं तोड़े जाने के संबंध में जिला कलक्टर्स को निर्देशित करने के लिए कहा। 

इससे पहले कार्यक्रम में हवेली मालिक, टूर ऑपरेटर एवं संरक्षणविद सहित अन्य हितधारकों ने शेखावाटी हवेलियों के इतिहास, पर्यटन की संभावनाओं, रोजगार सृजन, विरासत संरक्षण, आधारभूत सुविधाओं के विकास सहित अन्य विषयों पर सुझाव दिए। इस अवसर पर पर्यटन विभाग एवं स्वायत्त शासन विभाग ने शेखावटी क्षेत्र में किए जा रहे विकास कार्यों के बारे में जानकारी दी। 

उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी ने कहा कि राज्य सरकार बजट घोषणा की अनुपालना में शेखावाटी की हवेलियों के संरक्षण की दिशा में तेजी से कार्य कर ही है। इसी दिशा में पर्यटन विभाग ने संरक्षणविदों के पैनल भी बनाएं हैं तथा धरोहर के मूल स्वरूप के संबंध में बाइ लॉज को प्रभावी रूप से लागू करवाया जा रहा है। 

कार्यक्रम में राजस्थान धरोहर प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री ओंकार सिंह लखावत, मुख्य सचिव श्री सुधांश पंत सहित पर्यटन, वित्त, स्वायत्त शासन, नगरीय विकास विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ ही शेखावाटी क्षेत्र के हवेली मालिक, टूर ऑपरेटर्स, विशेषज्ञ एवं संरक्षणविद् उपस्थित रहे। वहीं, सीकर, झुंझुनूं एवं चूरू के जिला कलक्टर्स वीसी के माध्यम से जुड़े।