राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) की ओर से गठित उच्चस्तरीय समिति की बैठक में उन्होंने दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) से पूरे 200 किमी के दायरे से गाद निकालने में तेजी लाने का निर्देश दिया।

यमुना की सफाई और कायाकल्प के लिए दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने संबंधित एजेंसियों को मिशन मोड में काम करने को कहा है। एलजी की अध्यक्षता में असिता पूर्व में राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) की ओर से गठित उच्चस्तरीय समिति की बैठक में उन्होंने दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) से पूरे 200 किमी के दायरे से गाद निकालने में तेजी लाने का निर्देश दिया। साथ ही एजेंसियों से सभी 242 नालों को ट्रैप करने सहित शेष सभी नालों को भी रिकॉर्ड में लाने को कहा है। एलजी ने कहा कि बुुजुर्गों से विरासत में मिली यमुना भावी पीढ़ी को सौंपी गई है। 

एलजी ने शत प्रतिशत सीवेज का निर्देश देते हुए दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) की ओर से यमुना बाढ़ के मैदानों की सफाई के लिए किए जा रहे प्रयासों की सफलता का जिक्र किया। पिछले कई वर्षों से उपेक्षा के कारण बंद सीवेज लाइनें यमुना की सफाई की राह में सबसे बड़ी चुनौती रही हैं। ट्रंक और पेरिफेरल सीवर लाइन के करीब 200 किमी की सफाई में दिल्ली जल बोर्ड की घोर निष्क्रियता को गंभीरता से लेते गाद निकालने का काम तेजी से करने का निर्देश दिया।

उच्च स्तरीय समिति की पहली बैठक से ही गाद निकालने की कवायद शुरू हो चुकी है। जबकि 90.34 किलोमीटर सीवर लाइन की जून तक सफाई का अनुमान लगाया गया था। शेष 110 किलोमीटर में सितंबर तक इसे पूरा किया जाना है। एलजी ने अधिकारियों को यमुना की सफाई के लिए गाद निकालने का काम मिशन मोड में पूरा करने का निर्देश दिया। 

बैठक में यह बात सामने आई कि भले ही प्रदूषण यमुना में कई मानकों से कम हुआ है। बावजूद इसके नजफगढ़ नाले से पिछले वर्षों के दौरान प्रदूषण का स्तर अधिक है। कोविड-19 महामारी के समय को छोड़ भी दे, फिर भी यमुना की सफाई और कायाकल्प के लिए कार्यों को तयशुदा वक्त पर पूरा करें। 

इन बिंदुओं पर हुई चर्चा
सीवेज के 100 फीसदी उपचार का लक्ष्य
रिकॉर्ड में सभी 242 नालों को फंसाना व 238 नालों को ट्रैप करना
अनधिकृत कॉलोनियों में सीवेज नेटवर्क
डीएसआईआईडीसी की ओर से सीईटीपी से औद्योगिक प्रदूषण का प्रबंधन।
यमुना बाढ़ के मैदानों की सफाई, उपचारित अपशिष्ट जल का उपयोग सहित नजफगढ़ झील का पर्यावरण प्रबंधन