आज के समय में लोग अपनी कई स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने के लिए योग का सहारा लेने लगे हैं। मोटापे से लेकर हार्मोनल असंतुलन व ब्लड प्रेशर जैसी समस्याओं को योग के जरिए ठीक किया जा सकता है। बस जरूरत होती है कि आप सही आसन का अभ्यास सही तरह से करें। मसलन, अगर किसी व्यक्ति को लो बीपी की समस्या है, तो ऐसे में उसे कुछ आसनों का अभ्यास करने से परहेज करना चाहिए।
हालांकि, नियमित रूप से कुछ योगासनों के अभ्यास से इसे ठीक किया जा सकता है। वहीं कुछ आसन ऐसे भी होते हैं जिन्हें आपको करने से बचना चाहिए। तो चलिए आज इस लेख में योगा विशेषज्ञ और वुमन हेल्थ रिसर्च फाउंडेशन की प्रेसिडेंट डॉ नेहा वशिष्ट कार्की आपको ऐसे ही कुछ आसनों के बारे में बता रही हैं, जिन्हें लो ब्लड प्रेशर के मरीजों को अवॉयड करना चाहिए-

1. ताड़ासन

ताड़ासन एक बेहद ही आसान आसन है और इसे स्वास्थ्य के लिए बेहद ही लाभकारी माना जाता है। बच्चों की हाइट बढ़ाने से लेकर हद्य रोग के खतरे को कम करने के लिए यह कारगर है। इसे बच्चों से लेकर बूढ़े तक कोई भी आसानी से कर सकता है। लेकिन अगर आपको लो बीपी है, तो आप इस आसन का अभ्यास ना करें। यह आसन खून का दौरा आपकी लोअर बॉडी की तरफ करता है, जिससे आपको समस्या हो सकती है।

2. कटिचक्रासन 

कटिचक्रासन एक ऐसा योगासन है, जिसे बॉडी को बेहतर शेप देने के लिए जाना जाता है। जब इसका अभ्यास किया जाता है तो इससे आपकी पेट व कमर पर जमा चर्बी दूर होती है। साथ ही, इस आसन के नियमित अभ्यास से कब्ज व गैस की समस्या से भी मुक्ति मिलती है। यही कारण है कि अधिकतर लोग अपने योगा सेशन में इस आसन का अभ्यास अवश्य करते हैं।
लेकिन अगर आपको अक्सर लो बीपी की शिकायत रहती है तो ऐसे में आप कटिचक्रासन का अभ्यास करने से बचें। यह आसन रक्त का संचार शरीर के निचले हिस्से की तरफ बढ़ाता है जिससे लो ब्लड प्रेशर के मरीजों की समस्या बढ़ सकती है।

3. वीरभद्रासन 

वीरभद्रासन एक ऐसा आसन है, जो आपके कंधों से लेकर हाथ-पैरों तक को मजबूती प्रदान करता है। आपके शरीर के संतुलन को बेहतर बनाने में भी यह आसन मददगार है। जब इसका अभ्यास किया जाता है तो शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है और ऑक्सीजन की सप्लाई बढ़ जाती है। इससे शरीर में एनर्जी का लेवल भी बढ़ जाता है।
लेकिन वीरभद्रासन के इतने सारे लाभ होने के बावजूद भी इसका अभ्यास आपको नहीं करना चाहिए। दरअसल, लो ब्लड प्रेशर की समस्या होने पर वीरभद्रासन का भी अभ्यास ना करने की सलाह दी जाती है। इसमें भी खून का दौरा शरीर के निचले भाग की तरफ बढ़ जाता है।