छत्तीसगढ़: कोरोना काल के दौरान राज्य सरकार ने प्रदेश में बेची जा रही शराब पर कोरोना टैक्स लगाया था। शराब में लगे कोरोना टैक्स मामले में 10 माह बाद भी राज्य सरकार अपना जवाब पेश नहीं कर सकी है। इस मामले में दायर हुई याचिका पर बुधवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को जवाब पेश करने का अंतिम मौका दिया है। इस मामले की सुनवाई अब छह सप्ताह बाद होगी। इस याचिका को पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर, बृजमोहन अग्रवाल व अन्य ने दायर किया था, जिसमें कहा गया था कि इस टैक्स का पैसा कोरोना से बचाव के इंतजामों में नहीं लगाया गया है।

कोरोना काल के दौरान राज्य सरकार ने शराब पर 10 प्रतिशत कोरोना टैक्स लगाया था। यह टैक्स शराब में अब भी जारी है। इस मामले में पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर और बृजमोहन अग्रवाल ने टैक्स से मिलने वाले पैसे को कहां लगाया जा रहा है और इस तरह लगाए गए टैक्स को कोरोना से बचाव के इंतजामों में लगाने के नियम की बात कहते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।

याचिका में कहा गया है कि शराब में लगाए गए कोरोना टैक्स से करोड़ों रुपए जमा हुए हैं। इस टैक्स की राशि को कोरोना के खिलाफ नहीं इस्तेमाल किया गया है और स्वास्थ्य विभाग को भी पैसे ट्रांसफर नहीं किए गए, जबकि नियमानुसार जिस वजह से टैक्स लिया जाता है, उसका उपयोग उसी में किया जाना चाहिए, लेकिन इस राशि का उपयोग किस तरह किया जा रहा यह स्पष्ट नहीं है।