नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द होने के बाद पार्टी रविवार को पूरे जोर-शोर से मैदान में उतरी. कांग्रेस ने पूरे देश में 'संकल्प सत्याग्रह' किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी को कठघरे में खड़ा किया. कांग्रेस ने बीजेपी पर 'राहुल और गांधी परिवार को बदनाम' करने का आरोप लगाया. वहीं, केंद्र की सत्ताधारी बीजेपी ने पलटवार करते हुए कांग्रेस के नेताओं पर 'अहंकार में डूबे होने' का आरोप लगाया और कहा कि इसके नेता 'पिछड़ों को जातिसूचक गाली देते हैं और माफी भी नहीं मांगते.'

राहुल गांधी के समर्थन में कांग्रेस ने रविवार सुबह से ही मोर्चेबंदी कर ली थी. राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द किए जाने के विरोध में 'संकल्प सत्याग्रह' के दौरान पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलौत, पी चिदंबरम, जयराम रमेश, सलमान खुर्शीद, प्रमोद तिवारी और मुकुल वासनिक समेत तमाम बड़े नेता दिल्ली में महात्मा गांधी की समाधि राजघाट पर जमा हुए.

इस दौरान दिल्ली पुलिस ने इस इलाके में कड़ी चौकसी रखी थी और किसी भी बड़े जमावड़े को रोक दिया था. उधर, राहुल गांधी ने भी रविवार की सुबह ही अपना ट्विटर बायो बदल दिया था. राहुल ने अपने बायो में खुद को 'डिसक्वालिफाइड एमपी' लिख दिया था. 'मेरे परिवार ने देश के लोकतंत्र को खून से सींचा' दिल्ली के राजघाट पर जुटे कांग्रेस नेताओं में सबसे तीखे तेवर कांग्रेस महासचिव और राहुल गांधी की बहन प्रियंका गांधी के नज़र आए. अपने भाई और परिवार का बचाव करते हुए उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी पर ताबड़तोड़ हमले किए. प्रियंका गांधी ने कई सवाल भी उठाए.

प्रियंका गांधी ने कहा, "संसद में मेरे पिता का अपमान किया गया. मेरे भाई को मीर जाफ़र जैसा नाम दिया गया. आपके मंत्रियों ने संसद में मेरी मां का अपमान किया. आपके एक सीएम ने कहा कि राहुल गांधी नहीं जानते कि उनके पिता कौन हैं, लेकिन ऐसे लोगों के ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई नहीं हुई. इन पर तो कोई केस नहीं होता, आपकी सदस्यता रद्द नहीं होती."

उन्होंने कहा, " बीजेपी वाले 'परिवारवाद' की बात करते हैं. मैं पूछना चाहती हूं कि भगवान राम कौन थे. क्या वो 'परिवारवादी' थे या पांडव परिवारवादी थे. उन्हें सिर्फ इसलिए परिवारवादी कहा जाना चाहिए कि उन्होंने अपने परिवारों की संस्कृति के लिए लड़ाई लड़ी थी." "हमें इसलिए शर्मिंदा किया जाना चाहिए क्योंकि हमारे परिवार ने इस देश के लोगों के लिए लड़ाई लड़ी है. मेरे परिवार ने इस देश के लोकतंत्र को खून से सींचा है."

उन्होंने कहा,''राहुल गांधी ने दुनिया के दो सबसे प्रतिष्ठित संस्थानों ने हार्वर्ड और कैंब्रिज से पढ़ाई की लेकिन उन लोगों ने उन्हें 'पप्पू' कहना शुरू कर दिया. लेकिन बाद में उन्हें पता चला कि राहुल पप्पू नहीं हैं. वो ईमानदार हैं और आम लोगों से जुड़े मुद्दों की समझ रखते हैं.''प्रियंका ने राहुल का बचाव करते हुए कहा,''मेरे भाई संसद में पीएम मोदी के पास गए और उन्हें गले लगाया और कहा कि वो पीएम से नफरत नहीं करते. हमारी विचारधारा अलग हो सकती है लेकिन हम नफरत नहीं पालते.''

प्रियंका गांधी ने मीडिया को भी नसीहत दी और ज़िम्मेदारी निभाने को कहा. बीजेपी राहुल गांधी के जिस बयान को 'ओबीसी विरोधी' बता रही है, उसे लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, "क्या नीरव मोदी ओबीसी हैं? क्या मेहुल चोकसी ओबीसी हैं? क्या ललित मोदी ओबीसी हैं? वे भगोड़े हैं.सिर्फ ढाई साल में अगर अडानी 12 लाख करोड़ रुपए कमाता है तो पूछना जरूरी है. यह पैसा आया कहां से? ये पैसा किसने दिया?"

खड़गे ने कहा, "राहुल गांधी ने सिर्फ काला धन लेकर भागे इन भगोड़ों का मुद्दा उठाया है. कांग्रेस देश भर में ऐसे सैकड़ों प्रदर्शन करेगी. हम बोलने की आजादी को बरकरार रखने के लिए लड़ेंगे. मैं राहुल के साथ खड़े होने के लिए सभी विपक्षी दलों को धन्यवाद देता हूं."

उन्होंने कहा, "राहुल गांधी ने एक भाषण दिया जिसके चलते उन्हें सजा हुई लेकिन मोदी जी ने तो न जाने कितने भाषण गांधी परिवार और कांग्रेस के खिलाफ दिए उन पर तो कब का मानहानि का केस लगाकर सबक देना चाहिए था.'' लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने पार्टी की आगे की रणनीति पर बात की.

उन्होंने कहा, "हमने सदन के अंदर एक नया नारा तय कर लिया है- 'मोडानी'. इस मोडानी की तानाशाही के खिलाफ हम मिलकर एक जंग छेड़ेंगे जो इस तानाशाह सरकार को सत्ता से खदेड़ बाहर करेगी." राजस्थान के मुख्यमंत्री और पार्टी के सीनियर नेता अशोक गहलोत का कहना था कि मोदी सरकार 'भारत जोड़ो यात्रा' के दौरान राहुल की लोकप्रियता से डर गई है.

उन्होंने कहा, " जब भारत जोड़ो यात्रा निकाली जा रही थी और राहुल गांधी की लोकप्रियता बढ़ रही थी तो उस दौरान बीजेपी ने उन्हें कमजोर करने के इरादे से साजिश रची. उनके पास तो साजिश का एक पूरा इतिहास है. वो अदानी पर लगाए गए आरोपों और सवालों का कोई जवाब नहीं दे पाए." कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने भी बीजेपी पर हमले किए. उन्होंने कहा, "आपने राहुल गांधी जी की सदस्यता लेकर गलती कर दी.अब करोड़ों राहुल सड़क पर लड़ेंगे."

देश के कई दूसरे राज्यों में भी कांग्रेस नेताओं ने 'संकल्प सत्याग्रह' के दौरान धरना प्रदर्शन किया. तिरुवनंतपुरम में कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा, "अगर संसद में मुख्य विपक्षी दल को न बोलने दिया जाए तो क्या हमारे लोकतंत्र के लिए अच्छा होगा? खास कर तब जब हमारे यहां एक ऐसे प्रधानमंत्री हैं जो कहते रहते हैं भारत लोकतंत्र की जननी हैं." बीजेपी के ख़िलाफ़ कांग्रेस के इस प्रदर्शन को दूसरे विपक्षी दलों का भी साथ मिला. इस मामले में टीएमसी नेता शत्रुघ्न सिन्हा ने अपने अंदाज में बीजेपी पर वार किए. उन्होंने सत्ताधारी पार्टी बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 'धन्यवाद' दिया. शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि उनके कारण ही आज इस मुद्दे पर पूरा विपक्ष एकजुट हो गया है.

समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए तृणमूल कांग्रेस के सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा, "सत्ता पक्ष के नेताओं और प्रधानमंत्री ने जो किया वो विनाश काले विपरीत बुद्धि का एक नमूना हो सकता है लेकिन अगर राजनीतिक रूप से देखें तो इसका विपक्ष को बहुत लाभ हो रहा है."

उधर, देश भर में दिन भर चले कांग्रेस के इस विरोध प्रदर्शन पर बीजेपी ने पलटवार किया. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि कांग्रेस के नेता 'अहंकार में डूबे' हुए हैं उन्होंने कहा, "कांग्रेस के नेता अति पिछड़ों को जाति सूचक गाली देते हैं और फिर माफी भी नहीं मांगते. इनके लिए अहंकार बड़ा हो गया और समझदारी छोटी."नड्डा ने कहा, "कांग्रेस सत्याग्रह कर रही है. वो जातिसूचक गाली देते हैं. कोर्ट ने राहुल गांधी को इसके लिए माफी मांगने को कहा लेकिन अहंकार इतना है कि माफी नहीं मांगी. संसद की सदस्यता खत्म हो गई लेकिन रस्सी जल गई बल नहीं गया."

बीजेपी के दूसरे नेताओं ने भी कांग्रेस के 'संकल्प सत्याग्रह' के औचित्य पर सवाल उठाए. बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, "सत्याग्रह में अहंकार का दुराग्रह है. राहुल गांधी और कांग्रेस क़ानून को नहीं मानते हैं. कांग्रेस संविधान और कोर्ट के फैसले के ख़िलाफ़ आंदोलन कर रही है. पूरे देश के पिछड़े समुदाय के खिलाफ राहुल की टिप्पणी को जस्टिफाई किया जा रहा है." सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, "राहुल गांधी पर चोर शब्द भारी पड़ रहा है और 2019 में चोर शब्द कहने के लिए वो सुप्रीम कोर्ट से माफ़ी मांग चुके हैं." उधर, लखनऊ में यूपी के सीएम आदित्यनाथ ने भी राहुल गांधी पर हमला बोला. उन्होंने कांग्रेस के 'संकल्प सत्याग्रह' को खारिज करते हुए कहा, "जो असत्य की राह पर पर चल रहा वो सत्याग्रह की बात नहीं कर सकता." उन्होंने कहा, ''बापू ने सत्य की राह पर चलने की प्रेरणा दी थी, लेकिन जो देश के लोकतंत्र को कमजोर कर रहे हैं वे सत्याग्रह नहीं कर सकते.'' उन्होंने किसी का नाम लिए बगैर कहा कि जो लोग 'भ्रष्टाचार में डूबे हुए हैं वे सत्याग्रह नहीं कर सकते.'