पंजाब-हरियाणा समेत पूरे देश में गेहूं की किल्लत को देखते हुए केंद्र सरकार ने भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) को ओपन मार्केट सेल स्कीम (ओएमएससी) को मंजूरी दे दी है। केंद्र सरकार के उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने ओएमएससी को स्वीकृति देते हुए एफसीआई को एक फरवरी से गेहूं की बिक्री शुरू करने को कहा है। एफसीआई ने बिक्री के लिए 25 लाख मीट्रिक टन गेहूं का प्रावधान रखा है। मंत्रालय के इस फैसले से गेहूं और आटे की बढ़ती कीमतें नीचे आने के आसार हैं।

गेहूं की कमी से आटे की कीमतों में बेहताशा बढ़ोतरी हुई थी। 15 दिन के भीतर एक किलो आटे में प्रति किलो दस रुपये तक बढ़ गए थे। अमर उजाला ने ओएमएससी की मंजूरी नहीं दिए जाने के मुद्दे को जोर-शोर से उठाया था। खबर प्रकाशित होने के दो दिन बाद केंद्र की ओर से एफसीआई को टेंडर जारी करने के आदेश आ गए हैं।

एफसीआई के क्षेत्रीय कार्यालयों की ओर से इसके टेंडर भी जारी कर दिए गए हैं। एफसीआई चंडीगढ़ स्थित कार्यालय के डीजीएम (सामान्य) सीएच घनश्याम ने बताया कि ओएमएससी के तहत घरेलू बाजार के लिए टेंडर फ्लोट कर दिए गए हैं। एफसीआई हर सप्ताह ओपन मार्केट स्कीम के तहत ऑनलाइन टेंडर जारी कर गेहूं को बेचता है। इस गेहूं को मिल मालिक और ट्रेडर्स खरीदते हैं। बाद में इसे आटा चक्की संचालक खरीदते हैं।

केंद्र ने दिया यह आदेश

केंद्र की ओर से जारी आदेश के मुताबिक, आटे की बढ़ती कीमतों को तुरंत नियंत्रित करने के लिए देश के सभी राज्यों से स्टॉक की पेशकश की जाती है। देश में गेहूं और आटा की बढ़ती कीमतों से निपटने के लिए सरकार ने एफसीआई को 30 लाख मीट्रिक टन आटा उपलब्ध करवाने की पेशकश की है। पहले चरण में खुले बाजार बिक्री योजना (घरेलू) के तहत 25 एलएमटी गेहूं का प्रावधान किया गया है। इस योजना की घोषणा के 24 घंटे के भीतर शेयरों की ई-नीलामी की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

पंजाब-हरियाणा की बंद हो गई थी आटा मिलें

गेहूं की कमी की वजह से पंजाब-हरियाणा की कई आटा मिलें ठप हो गई थीं। मिल संचालकों को गेहूं नहीं मिल रहा था। उनके पास जो भी स्टॉक रखा था वह सारा खत्म हो चुका था। आटा चक्की संचालक भी बाजार से महंगे दामों से गेहूं खरीद रहे थे।

इन राज्यों में सबसे ज्यादा खरीद और बिक्री

गेहूं के देश में प्रमुख खरीदार राज्यों में पंजाब, हरियाणा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, ओडिशा आदि शामिल हैं। ये राज्य घरेलू बाजार में एफसीआई से खरीद और बिक्री दोनों करते हैं। खाद्यान्न के भंडारण और आवाजाही की सुविधा के लिए एफसीआई लगभग 2,000 डिपो का संचालन करता है।