जयपुर के पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव, मुख्य सचिव उषा शर्मा, डीजीपी उमेश मिश्रा, एडीजी क्राइम दिनेश एमएन ने बीती देर रात को बहुत ही लिमिटेड और सलेक्टेड प्रेस और मीडिया की वार्ता बुलाकर मामले की जांच करवाने और विशेष टीम गठित करने की बात कही है। लेकिन इसी मुद्दे पर सवाल खड़े हो गए हैं कि भ्रष्टाचार की यह रकम योजना भवन के बेसमेंट में किसने सूटकेस में भरकर रखी थी। जानकारी के मुताबिक दो अलमारियों की चाबी कर्मचारियों को काफी समय से नहीं मिल रही थी। जब पुलिस को बुलाकर अलमारियों को खोला गया। तो एक आलमारी में फाइलें मिलीं।

जबकि दूसरी आलमारी में लैपटॉप बैग और ट्रॉली बैग मिला। जिसमें बड़ी मात्रा में यह नकदी और सोना बरामद हुआ। योजना भवन में कई डिपार्टमेंट संचालित होते हैं, लेकिन यह रकम किस डिपार्टमेंट के अफसर या कार्मिक ने आलमारी में छिपाई है, यह देर रात तक पता नहीं चल सका। क्योंकि कोई जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं हुआ। नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता कर्नल राज्यवर्द्धन सिंह राठौड़ ने प्रदेश की गहलोत सरकार को भ्रष्टाचार के मुद्दे पर जमकर घेरा है।